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बकाया बढ़ा तो सख्ती बढ़ी: जयपुर डिस्कॉम ने तेज की राजस्व वसूली

राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के सामने बढ़ते बकाए और लंबे समय से चली आ रही ढांचागत चुनौतियों को देखते हुए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) ने राजस्व वसूली तेज करने के साथ ही निगरानी और सतर्कता बढ़ा दी है।

जयपुर. राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के सामने बढ़ते बकाए और लंबे समय से चली आ रही ढांचागत चुनौतियों को देखते हुए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) ने राजस्व वसूली तेज करने के साथ ही निगरानी और सतर्कता बढ़ा दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

तीन सरकारी डिस्कॉम संभाल रही हैं बिजली आपूर्ति

राजस्थान में बिजली वितरण का दायित्व तीन सरकारी डिस्कॉम—जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल), जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेडीवीवीएनएल) और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एवीवीएनएल)—पर है। ये तीनों कंपनियां राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1.66 करोड़ नियमित उपभोक्ताओं को बिजली सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जिनमें से 56.5 लाख उपभोक्ता अकेले जयपुर डिस्कॉम से जुड़े हैं।

वित्तीय दबाव की बड़ी वजहें

डिस्कॉम पिछले कई वर्षों से भारी तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान, बिजली चोरी और बिलों के समय पर भुगतान न होने जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं। इसके चलते इनके वित्तीय खातों पर लगातार दबाव बना हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, राजस्व संग्रहण में सुधार और नुकसान को कम करना डिस्कॉम की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।

बकाया वसूली के लिए विशेष अभियान

नवीनतम वसूली अभियान के तहत जयपुर डिस्कॉम ने सबसे अधिक बकाया वाले 10 विद्युत खंड और 20 उपखंड को चिन्हित किया है। इन क्षेत्रों में 100 प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है।

मुख्यालय स्तर पर होगी निगरानी

जयपुर डिस्कॉम की अध्यक्ष आरती डोगरा ने बताया कि चिन्हित क्षेत्रों की नियमित निगरानी मुख्यालय स्तर पर की जाएगी। उन्होंने इन उपखंडों के सहायक अभियंताओं के साथ वसूली योजना की समीक्षा की, जिसमें कार्यकारी अभियंता और अधीक्षण अभियंता भी शामिल रहे।

करोड़ों रुपये का बकाया

डोगरा के अनुसार, चिन्हित 20 उपखंडों में 1.11 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर 193 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। वहीं, चिन्हित 10 विद्युत खंडों में 1.89 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर 237 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है।

सख्त कदम उठाने के निर्देश

डिस्कॉम अध्यक्ष ने अभियंताओं को उपभोक्ता शिविर, परामर्श और निपटान प्रणाली के माध्यम से राजस्व संग्रहण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “जिन मामलों में नोटिस के बाद भी वसूली नहीं होती, उन्हें लोक अदालतों में भेजा जाना चाहिए। जहां उपभोक्ता बकाया भुगतान को तैयार नहीं हैं, वहां आवश्यकता पड़ने पर बिजली आपूर्ति बंद करने, ट्रांसफार्मर हटाने और यहां तक कि बिजली लाइनें हटाने जैसे सख्त कदम भी उठाए जाएं।”

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