पहलगाम आतंकी हमले पर US की कड़ी प्रतिक्रिया: लश्कर जिम्मेदार, भारत-अमेरिका साझेदारी बेहद जरूरी
अमेरिकी सांसद जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा को ठहरा रहे हैं।
अमेरिकी सांसद जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा को ठहरा रहे हैं। खास बात यह है कि अमेरिकी पक्ष की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर वाइट हाउस गए थे।
भारत-अमेरिका साझेदारी को बताया 21वीं सदी की निर्णायक रिश्तेदारी
हाउस फॉरेन अफेयर्स साउथ एंड सेंट्रल एशिया सबकमेटी के अध्यक्ष बिल हुइजेंगा ने भारत-अमेरिका संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का रिश्ता अब सिर्फ जरूरी नहीं, बल्कि 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी है।
उनके अनुसार, अगर अमेरिका ऐसी दुनिया चाहता है जहां लोकतांत्रिक नियमों के आधार पर निर्णय हों, तो भारत के साथ साझेदारी बेहद अहम है।
LeT और TRF को FTO घोषित करने का उल्लेख
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया कि ट्रंप प्रशासन ने जुलाई 2025 में LeT और TRF को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित कर दिया था। उन्होंने कहा, “पहलगाम में भयानक हमले के लिए जिम्मेदार LeT और TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। फिर हमला कहीं भी क्यों न हुआ हो…”
चीन और रूस पर भी साधा निशाना
- हुइजेंगा ने चीन और रूस का नाम लेते हुए कहा कि ये ताकतें बलपूर्वक सीमाएं बदलने और पड़ोसी देशों पर दबाव डालने की कोशिश कर रही हैं।
- उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता क्षेत्रीय स्थिरता, वैश्विक समृद्धि और व्यापार के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर रही है।
- उनके अनुसार, भारत इन जोखिमों को पहले से पहचानता है और 2020 के बाद सीमा पर चीनी दबाव का मजबूती से जवाब भी दे चुका है।
रक्षा, तकनीक और आतंकवाद-रोधी सहयोग पर जोर
अमेरिकी सांसद ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आज रक्षा, तकनीक, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और व्यापार जैसे क्षेत्रों में गहरा सहयोग है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ और भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
- 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी ने 26 सैलानियों की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता रोकने समेत कई फैसले लिए।
- इसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया।
- लगातार चार दिनों तक भारत-पाक के बीच संघर्ष के बाद पाकिस्तानी अनुरोध पर सीजफायर लागू किया गया।




