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राहुल की विदेश यात्रा पर डबल अटैक: विपक्ष और साथी दलों की कड़ी आलोचना

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की आगामी जर्मनी यात्रा को लेकर सियासी विवाद गहराया हुआ है। भाजपा पहले ही राहुल को ‘पर्यटन मंत्री’ कहकर निशाना बना चुकी है, वहीं अब INDIA ब्लॉक के सहयोगी दलों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की आगामी जर्मनी यात्रा को लेकर सियासी विवाद गहराया हुआ है। भाजपा पहले ही राहुल को ‘पर्यटन मंत्री’ कहकर निशाना बना चुकी है, वहीं अब INDIA ब्लॉक के सहयोगी दलों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
दिल्ली में कांग्रेस की सहयोगी आम आदमी पार्टी (AAP) ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी शीतकालीन सत्र के बीच जर्मनी स्थित एनआरआई कांग्रेस पदाधिकारियों से ऑनलाइन बात कर सकते थे। समाजवादी पार्टी की ओर से भी इसी तरह के सवाल उठे।

AAP का तंज: “गूगल मीट से भी बात कर सकते थे राहुल”

AAP नेता प्रियंका कक्कड़ ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए लिखा— “शायद किसी ने लोकसभा नेता विपक्ष को बताया नहीं कि वह एनआरआई कांग्रेस प्रभारी से जर्मनी में गूगल मीट के जरिए भी बात कर सकते थे। संसद के शीतकालीन सत्र को छोड़ने की क्या जरूरत थी? क्या यह ज्ञान का प्रभाव है या भारत को सिर्फ भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई में फंसा कर रखने की रणनीति?”

इसी तरह समाजवादी पार्टी ने भी सवाल उठाया कि जब संसद का सत्र चल रहा है, तब राहुल गांधी विदेश यात्राओं की तैयारी क्यों कर रहे हैं।

BJP के आरोप: “पर्यटन मंत्री” और अपारदर्शी यात्राएँ

इससे पहले भाजपा प्रवक्ता तुफीन सिन्हा ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी की विदेश यात्राओं का कार्यक्रम कभी स्पष्ट नहीं होता, और वह बिना जानकारी साझा किए विदेश रवाना हो जाते हैं। भाजपा ने तंज कसते हुए उन्हें “पर्यटन मंत्री” तक कह दिया।

राहुल गांधी का जर्मनी दौरा: क्या है कार्यक्रम?

शीतकालीन सत्र के बीच राहुल गांधी का 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी दौरा तय है। इस दौरान वह—

  • भारतीय प्रवासी समुदाय से मुलाकात करेंगे
  • जर्मनी के मंत्रियों से बातचीत करेंगे
  • यह दौरा इसलिए विवादों में है क्योंकि इसी समय संसद में 13 महत्त्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होनी है। विपक्ष के नेता के विदेश जाने को लेकर सवाल इसलिए और गहरे हो गए हैं।

कांग्रेस का पलटवार: “पूछो उन लोगों से, जिनका आधा कार्यकाल विदेशों में बीता”

भाजपा के हमलों के बाद कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने सवाल उठाया— “राहुल गांधी के विदेश दौरे पर सवाल वही लोग कर रहे हैं, जिनका आधा कार्यकाल विदेशों में घूमते हुए ही बीता है।” प्रियंका के इस बयान ने कांग्रेस की ओर से आक्रामक जवाबदेही का संकेत दिया।

पहले भी विदेश दौरों पर उठते रहे हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी के विदेश दौरों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। भाजपा लगातार उन पर आरोप लगाती रही है कि राहुल विदेश जाकर भारत को बदनाम करते हैं या गुप्त मीटिंग्स करते हैं। हालांकि कांग्रेस इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताती है।

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