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न्याय व्यवस्था में बड़ा सुधार: अब छोटी गलतियों पर सजा नहीं, होगा जुर्माना

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राजस्थान जन विश्वास अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है। इस अध्यादेश का उद्देश्य जीवन को आसान बनाना और व्यापार करना सरल करना है।

नई दिल्ली. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राजस्थान जन विश्वास अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है। इस अध्यादेश का उद्देश्य जीवन को आसान बनाना और व्यापार करना सरल करना है। यह केंद्र सरकार के जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 की तर्ज पर लाया गया है।

इस अध्यादेश के तहत राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश, 2025 सहित 11 राज्य कानूनों में छोटे और तकनीकी उल्लंघनों पर जेल की सजा खत्म कर उसकी जगह आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा।

छोटे उल्लंघनों पर अब नहीं होगी जेल

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह अध्यादेश “जीवन जीने में आसानी और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने” तथा मुकदमों की संख्या कम करने के उद्देश्य से लाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे छोटे उद्योगों और आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।

वन अधिनियम में बड़ा बदलाव, आदिवासियों को राहत

  • इस अध्यादेश के तहत वन अधिनियम में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
  • अब जंगल की जमीन पर मवेशी चराने जैसे मामलों में पहले जो छह महीने की जेल का प्रावधान था, उसे हटा दिया गया है। अब केवल जुर्माना और नुकसान की भरपाई की व्यवस्था होगी।
  • सरकार का दावा है कि इससे आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अब तक अनजाने में जंगल क्षेत्र में प्रवेश करने पर आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ता था।

इंडस्ट्रियल यूनिट्स एक्ट में बदलाव, MSMEs को फायदा

अब इंडस्ट्रियल यूनिट्स एक्ट के तहत राज्य-सहायता प्राप्त उद्योगों में निरीक्षण के दौरान दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे छोटे-मोटे प्रक्रिया संबंधी अपराधों पर जेल की सजा नहीं होगी। इसके स्थान पर केवल वित्तीय जुर्माना लगाया जाएगा। इससे MSME सेक्टर को राहत मिलेगी और इंस्पेक्टर राज का डर कम होगा।

जल और सीवरेज से जुड़े अपराधों में भी नरमी

जयपुर वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड एक्ट में भी बदलाव किए गए हैं। अब—

  • पानी की बर्बादी,
  • सीवरेज लाइन में रुकावट,
  • बिना अनुमति जल कनेक्शन, जैसे मामलों में जेल की सजा हटाकर केवल जुर्माना लगाया जाएगा।
  • इसके अलावा पानी के गैर-घरेलू उपयोग पर भी जुर्माने का प्रावधान लागू होगा।

कृषि भूमि और वन संपदा से जुड़े मामलों में संशोधन

  • राजस्थान राज्य सहायता अधिनियम के तहत बहीखाता या दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर अब जेल नहीं होगी।
  • कृषि भूमि से पेड़ काटने पर पहले जहां जेल का प्रावधान था, अब जुर्माना बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दिया गया है।
  • वन संपदा को नुकसान पहुंचाने पर पहले छह महीने की जेल होती थी, अब इसे बदलकर 5,000 रुपये का जुर्माना कर दिया गया है।

संसदीय कार्य मंत्री का बयान

जोगाराम पटेल ने कहा— “यह अध्यादेश छोटी इंडस्ट्रीज और जंगल पर निर्भर समुदायों को मुकदमों से आजादी दिलाएगा। लोग तकनीकी गलतियों के कारण सालों तक केस लड़ते रहते थे। सरकार अब डर के बजाय भरोसे का माहौल बनाना चाहती है।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि इन सुधारों से राज्य के औद्योगिक और वाणिज्यिक सेक्टर को बड़ा फायदा होगा।

नोटिफिकेशन के बाद तुरंत लागू होगा अध्यादेश

यह अध्यादेश औपचारिक अधिसूचना जारी होते ही लागू हो जाएगा। यह केवल मामूली और तकनीकी उल्लंघनों पर लागू होगा। गंभीर अपराधों के लिए मौजूदा सजाएं पहले जैसी ही बनी रहेंगी।

कैबिनेट बैठक के अन्य अहम फैसले

कैबिनेट बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए—

  • अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन की समय सीमा 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन की गई।
  • भर्ती की वेटिंग लिस्ट की वैधता 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष कर दी गई।
  • प्रवासी राजस्थानी पॉलिसी, 2025 को मंजूरी, ताकि प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ाव बढ़ाया जा सके।
  • छोटे व्यवसायों के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी को मंजूरी।
  • पर्यटन निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान टूरिज्म पॉलिसी को भी हरी झंडी दी गई।

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