त्योहारों के बाद शरीर को दें डिटॉक्स, सेहत और एनर्जी दोनों लौटेंगी
पिछले दिनों आपने त्योहारों का भरपूर आनंद लिया—खूब खरीदारी, जीभरकर खाना, मिठाइयाँ, तले-भुने पकवान और दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलना। ऐसे में यह तय है कि डाइट और एक्सरसाइज दोनों का संतुलन बिगड़ा होगा।

पिछले दिनों आपने त्योहारों का भरपूर आनंद लिया—खूब खरीदारी, जीभरकर खाना, मिठाइयाँ, तले-भुने पकवान और दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलना। ऐसे में यह तय है कि डाइट और एक्सरसाइज दोनों का संतुलन बिगड़ा होगा। इस दौरान टॉक्सिन यानी जहरीले तत्व खाने-पीने के जरिये शरीर में जमा हो जाते हैं, लेकिन वे बाहर नहीं निकल पाते। अब समय है डिटॉक्सिकेशन (शुद्धीकरण) का, ताकि शरीर और दिमाग दोनों फिर से तरोताजा हों।
सबसे पहले जानें – क्या न करें
डिटॉक्स शुरू करने से पहले यह जानना जरूरी है कि अब किन गलत आदतों से दूरी बनानी है। पिछले दिनों आपने मिठाइयाँ, तली चीजें, फास्ट फूड, बर्गर-पिज्जा सब कुछ जमकर खाया होगा। साथ ही शॉपिंग, सफाई और मेहमानों की व्यस्तता में कई बार खान-पान का समय भी बिगड़ा होगा।
अब जो हो गया, उसे भूलें और नई शुरुआत करें—
- सुबह जल्दी उठें और ढेर सारा गुनगुना पानी पिएं
- दिन भर पर्याप्त पानी लेते रहें, इससे ऑयली खाना और अल्कोहल से आई ड्रायनेस दूर होगी
- घर में फैले कचरे और अव्यवस्था को साफ करें, साफ वातावरण भी मानसिक डिटॉक्स करता है
- यदि आपकी नींद का रूटीन बिगड़ा है तो समय पर सोना-जागना दोबारा शुरू करें
देर तक सोना थकान नहीं, आलस्य बढ़ाता है
चंडीगढ़ की साइकोथेरापिस्ट सपना मनचंदा बताती हैं, “सुबह जल्दी उठकर चाय-कॉफी पिएं। इस समय घर और ऑफिस की चिंताओं को मन से बाहर रखें। लॉन या बालकनी में बैठकर चाय का आनंद लें। दोपहर में हल्की नींद लेना भी तनाव कम करने का अच्छा तरीका है, लेकिन देर तक सोना शरीर को सुस्त बनाता है।”
अब जानें – क्या करें
जानकारों के अनुसार, सही पोषण और नियमित व्यायाम सबसे बेहतर डिटॉक्स तरीका है। डायटीशियन पूजा गुप्ता के अनुसार—
- थोड़े-थोड़े अंतराल पर हल्का भोजन करें
- मौसमी फल खाएं और सूप का सेवन बढ़ाएं
- चीनी, सॉफ्ट ड्रिंक और तले-भुने भोजन से फिलहाल दूरी बनाएं
- रोटी कम और दाल-सब्ज़ी ज्यादा लें
- सब्ज़ी और पनीर कम तेल और कम मसाले में पकाएं
पैदल चलें और तेजी से
शहरों में बने पार्क हों या गांव-कस्बों की खुली सड़कें—सुबह-शाम तेज चाल से टहलना जरूर शुरू करें। टहलने से—
- शरीर एक्टिव रहता है
- मेटाबॉलिज्म तेज होता है
- और दिमाग भी तरोताजा रहता है
- सपना मनचंदा कहती हैं कि टहलते समय ज्यादा सोच-विचार न करें। प्रकृति को निहारें, गहरी सांस लें और तनाव को बाहर निकालें।
योग, खेल और एयरोबिक्स भी हैं बेहतरीन विकल्प
- योग और प्राणायाम से शरीर और मन दोनों को शुद्ध किया जा सकता है
- दोस्तों और बच्चों के साथ बैडमिंटन, फुटबॉल जैसे खेल खेलें
- सुबह परिवार के साथ घर पर एयरोबिक्स भी एक अच्छा विकल्प है
पिकनिक पर जाएं… लेकिन हेल्दी टोकरी के साथ
सपना मनचंदा का सुझाव है कि यदि संभव हो तो नजदीकी पहाड़ी इलाके या किसी पार्क में पिकनिक जरूर जाएं। लेकिन ध्यान रखें—
- फ्राइड फूड की बजाय सलाद, फल और अंकुरित अनाज साथ ले जाएं
- इससे मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होगा और मूड भी फ्रेश हो जाएगा
अब फैसला आपका है
त्योहारों की मस्ती के बाद शरीर को फिर से पटरी पर लाना सिर्फ जरूरत नहीं, जिम्मेदारी भी है। अगर आपने आज से ही सही खान-पान, पैदल चलना, योग और नींद का ख्याल रखना शुरू कर दिया, तो यकीन मानिए— कुछ ही दिनों में आप खुद को ज्यादा हल्का, ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।




