उत्तर प्रदेश

स्टार्टअप से समृद्धि: विकसित यूपी 2047 में आईआईटी कानपुर की अहम भूमिका

From Startups to Prosperity: IIT Kanpur's crucial role in developed Uttar Pradesh 2047

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश आज देश के बड़े और उभरते स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में अपनी सशक्त पहचान बना रहा है। इस परिवर्तन में देश के शीर्ष तकनीकी संस्थानों में शामिल आईआईटी कानपुर की भूमिका बेहद अहम साबित हो रही है।

आईआईटी कानपुर अब केवल शिक्षा और शोध तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह देश के आर्थिक भविष्य को दिशा देने वाला एक मजबूत स्टार्टअप हब बनकर उभरा है।

521 स्टार्टअप बना रहे हैं आर्थिक शक्ति

आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) में इस समय 521 स्टार्टअप सक्रिय हैं। ये स्टार्टअप न केवल अपनी तकनीकी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, बल्कि देश और प्रदेश के इकोनॉमिक ड्राइवर के रूप में भी उभर रहे हैं।
इनके माध्यम से उत्तर प्रदेश को नवाचार की नई राजधानी के रूप में स्थापित करने का कार्य हो रहा है।

योगी सरकार का सीधा और रणनीतिक सहयोग

आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इकोसिस्टम को उत्तर प्रदेश सरकार का सीधा और रणनीतिक समर्थन प्राप्त है। योगी सरकार की स्टार्टअप-फ्रेंडली नीतियां, आसान फंडिंग व्यवस्था और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण यहां इनोवेशन को नई गति मिली है। सरकार और संस्थान की साझेदारी ने आईआईटी कानपुर को ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया है, जहां आइडिया सीधे इंडस्ट्री और बाजार से जुड़ रहे हैं।

“यूपी बनेगा देश का बड़ा स्टार्टअप हब”

आईआईटी कानपुर के औद्योगिक एवं प्रबंधन इंजीनियरिंग विभाग, डिज़ाइन प्रोग्राम और एसआईआईसी के इंचार्ज प्रोफेसर दीपू फिलिप का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार स्टार्टअप सेक्टर को लेकर बेहद गंभीर और सक्रिय है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश का एक बड़ा स्टार्टअप केंद्र बनकर उभरेगा।

खुद मेंटर की भूमिका निभाता है आईआईटी कानपुर

आईआईटी कानपुर आज देश का इकलौता ऐसा इनक्यूबेशन सेंटर है, जो केवल स्टार्टअप्स को जगह और संसाधन ही नहीं देता, बल्कि खुद मेंटर की भूमिका निभाता है।

प्रोफेसर दीपू फिलिप के अनुसार, हर स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए एक फैकल्टी मेंबर को मेंटर नियुक्त किया जाता है। स्टार्टअप्स को तकनीकी मार्गदर्शन, बिजनेस मॉडलिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, मार्केट एक्सेस और निवेशकों से जुड़ने तक का पूरा इकोसिस्टम उपलब्ध कराया जाता है। इसी वजह से यहां के स्टार्टअप शुरुआती चरण में ही मजबूत आधार तैयार कर लेते हैं।

मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन स्टार्टअप्स पर फोकस

आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन सेंटर में विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप यहां—

  • सेमीकंडक्टर
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
  • हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स
  • डिफेंस प्रोडक्शन
  • ड्रोन टेक्नोलॉजी
  • एग्रीटेक
  • क्लीन एनर्जी
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
  • एडवांस मैन्युफैक्चरिंग

जैसे क्षेत्रों से जुड़े आइडियाज को बड़े बिजनेस में बदला जा रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और संकट काल में भी योगदान

आईआईटी कानपुर कैंपस में स्थित ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप द्वारा तैयार ड्रोन का उपयोग ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था।
इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान भी यहां के स्टार्टअप्स ने तकनीकी समाधान और नवाचार के जरिए अहम भूमिका निभाई थी।

देश के किसी भी कोने से कर सकते हैं आवेदन

प्रोफेसर दीपू फिलिप ने बताया कि आईआईटी कानपुर का इनक्यूबेटर किसी एक राज्य या क्षेत्र तक सीमित नहीं है। देश के किसी भी हिस्से से स्टार्टअप यहां आवेदन कर सकते हैं। चयन पूरी तरह से आइडिया की गुणवत्ता, तकनीकी क्षमता और बिजनेस संभावनाओं के आधार पर किया जाता है।

यूपी को मिल रहा सबसे बड़ा लाभ

हालांकि आईआईटी कानपुर का स्टार्टअप नेटवर्क राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है, लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश को मिल रहा है। रोजगार सृजन, निवेश, तकनीकी विकास और औद्योगिक विस्तार के जरिए यूपी तेजी से स्टार्टअप और इनोवेशन की नई पहचान गढ़ रहा है।

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