DGCA से हरी झंडी: पायलटों की छुट्टी के नियमों में राहत, फ्लाइट कैंसलेशन और इंडिगो संकट पर असर संभव
उड़ान संचालन में भारी दिक्कतों का सामना कर रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन इंडिगो समेत अन्य एविएशन कंपनियों को विमानन नियामक DGCA ने बड़ी राहत दी है।

नई दिल्ली. उड़ान संचालन में भारी दिक्कतों का सामना कर रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन इंडिगो समेत अन्य एविएशन कंपनियों को विमानन नियामक DGCA ने बड़ी राहत दी है। DGCA ने वह आदेश फिलहाल वापस ले लिया है, जिसमें चालक दल (क्रू मेंबर्स) के अनिवार्य आराम के घंटों को साप्ताहिक अवकाश से अलग रखने की बाध्यता तय की गई थी।
DGCA ने स्पष्ट किया कि परिचालन में मौजूदा व्यवधानों और एयरलाइंस के अनुरोधों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, ताकि उड़ानों पर पड़ रहे तत्काल प्रभाव को रोका जा सके।
इंडिगो पर सबसे बड़ा असर
- पिछले कुछ दिनों से निजी विमान सेवा कंपनी इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हो रही हैं। शुक्रवार को अकेले दिल्ली एयरपोर्ट से जाने वाली 135 और आने वाली 90 घरेलू उड़ानें रद्द की गईं।
- इंडिगो ने इस स्थिति के लिए मुख्य रूप से DGCA के नए नियमों को जिम्मेदार ठहराया, जिनमें चालक दल के लिए हर सप्ताह कम से कम 48 घंटे अनिवार्य आराम का प्रावधान किया गया था।
- एयरलाइन ने गुरुवार को DGCA के साथ हुई बैठक में फरवरी तक नियमों में ढील देने की मांग की थी और बताया था कि अगले दो-तीन दिन तक उड़ानें रद्द होती रहेंगी। इसके बाद 8 दिसंबर से उड़ानों की संख्या में कटौती की योजना भी घोषित की गई थी।
चौथे दिन भी जारी रहा उड़ान संकट
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन पूरी तरह चरमरा गया है। शुक्रवार को 400 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और कई यात्री तीन दिनों तक हवाई अड्डों पर फंसे रहे।
हवाई अड्डों पर अराजकता जैसे हालात देखने को मिले। कई उड़ानें 12 घंटे से अधिक देरी से संचालित हुईं। यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन किया और सामान खोने की शिकायतें भी सामने आईं।
पायलटों की कमी और योजना में चूक बनी वजह
पायलटों की कमी और कमजोर परिचालन योजना के चलते यह व्यवधान लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। रोजाना करीब 2,300 उड़ानों का संचालन करने वाली इंडिगो की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) मंगलवार के 35 प्रतिशत से घटकर बुधवार को 19.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। DGCA के ताज़ा फैसले के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इंडिगो समेत अन्य एयरलाइंस का परिचालन धीरे-धीरे सामान्य होगा।




